अर्ध सत्य और समानांतर सिनेमा के आधे-अधूरे सत्य

राहुल गायकवाड (Rahul Gaikwad) तो उस दिन, मैं बस यही सोच रहा था कि इस समाज में भ्रष्टाचार विरोधी भाषणबाजी कैसे और कब से चलन में आई। मुख्यधारा के मीडिया द्वारा समर्थित अन्ना हजारे और केजरीवाल की जोड़ी के नेतृत्व में ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन अभियान’ के दौरान हमने इसे बदसूरती के पूर्ण चरम पर देखा। अचानक, मुझे फिल्म ‘अर्ध सत्य’ […]

मेनलैंड वाले नस्लवादी भारतीय कोविड से अधिक भयानक थे

चोन्थम रामेश्वरी

चोन्थम रामेश्वरी (Chongtham Rameshwori) मेरे फ़ोन में रात के 9:21 का समय दर्ज है जिसमें मेरी पसंदीदा टीशर्ट की पहली फोटो है, जो दरअसल, एक अभागी टीशर्ट है. इसपर अब, गले और सीने के हिस्से पर, तंबाकू वाले पान के थूक की परत जम गई है जिससे एक तीखी गंध आ रही है. 22 मार्च 2020 को, रात 9 बजे […]

मौजूदा कृषि संघर्ष : कारणों की पृष्ठभूमि, भविष्य का अनुमान और सुझाव

सुखदीप सिंघ (Sukhdeep Singh) पंजाब का इतिहास शुरू से ही संघर्ष वाला रहा है. यदि हमें पंजाब के मौजूदा कृषि/किसानी संघर्ष के कारणों के बारे में जानना हो तो इस संघर्ष के सांस्कृतिक, विचारधारी, राजनीतिक और आर्थिक कारणों की पृष्ठभूमि के ऊपर निगाह डालना ज़रूरी है. संघर्ष के कारणों की पृष्ठभूमि पंजाब की सांस्कृतिक विचारधारा की पृष्ठभूमि का प्रारंभ बाबा […]

क्या सर सैयद अहमद खान पसमांदा मुसलमानों की आधुनिक शिक्षा के विरोधी थे?

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi)  आप को लगता होगा कि मुस्लिम समाज मे लोग तक़लीद (अंधभक्ति) सिर्फ अपने मसलक (रास्ता) के उलेमा की करते हैं. अगर आप उनके मसलक के उलेमाओं के जातिवादी सोच के बारे में कुछ बोलेंगे तो वह आप के पीछे डंडे ले कर पड़ जाएंगे. पर मेरा अपना अनुभव है कि देवबंदी, बरेलवी, अहले-हदीस आदि मसलक के […]

एक बहुजन की घरवापसी आर.एस.एस के खेमे से (एक लघु आत्मकथा)

Shailesh Narwade

शैलेश नरवाडे (Shailesh Narwade) ये कहानी मैं क्यों लिख रहा हूँ?    मुझे अपनी कहानी बताने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई. मैं कोई जानामाना व्यक्ति नहीं हूँ जिसकी कहानी पढ़ने में किसी को दिलचस्पी हो. मैं एक साधारण व्यक्ति हूँ जो पत्रकारिता छोड़कर भी पत्रकार के जिम्मेदारी को समझता है और एक कलाकार के सामाजिक दायित्व को जानता है. मैं […]

कश्मीर में जातिवाद: मेरा अवलोकन एवं अनुभव

Mudassir Ali Lone

मुदासिर अली लोन (Mudasir Ali Lone) जब भी कोई कश्मीर में जातिवाद की बात करता है तो हम अक्सर “नही” में अपना सिर हिलाते हैं। अगर आप डरावनी कहानियाँ सुनने के मूड में हैं तो आप कश्मीर में ग्रिस्त (खेती बाड़ी करने वाले) जाति के लोगों से मिलें और उनसे पूछें कि मल्ला/पीर/सैयद (उच्व जाति) उनके साथ कैसा बर्ताव करतें […]

हिंदी, ब्राह्मण के हाथ में औज़ार और पंजाब- एक बहुजन नज़रिया

गुरिंदर आज़ाद (Gurinder Azad) खबर पंजाब से है और अच्छी है. बठिंडा-फरीदकोट हाईवे पर हिंदी और अंग्रेजी में लिखे राह-ईशारा तख्तियों पर रंग पोत दिया गया है. इन तख्तियों पर या तो पंजाबी भाषा में लिखे शहर के नाम अंग्रेजी और हिंदी में लिखे नाम के नीचे थे या फिर पंजाबी में लिखे ही नहीं गए. हिंदी-अंग्रेजी में लिखे नामों […]