बाबासाहेब ने कहा था- भंगी, झाड़ू छोड़ो!

Dhamma

धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam)  भारत एक प्रजातांत्रिक देश है. हर 5 साल बाद यहां के लोग अपने लिये नये प्रतिनिधि चुनते हैं कि, नयी सरकार उनके स्वास्थय, शिक्षा, रोज़गार, और अधिकारों की रक्षा करेगी. देश की तरक्की के लिये तो शहरों को सड़कें, रेल की पटरियां, और मैट्रो से जोड़ दिया जाता है. देश हित के नाम पर […]

अब एक और जुमला- ‘विपक्ष भ्रम फैला रहा है’

Mohammad Javed

मोहम्मद जावेद अलिग (Mohammad Javed Alig) इन दिनों अखबारों से लेकर मीडिया तक सरकार का एक जुमला “विपक्ष भ्रम फैला रहा है” काफी चर्चित है. मोदी-शाह अपने भाषणों से लेकर मीडिया कार्यक्रमों में विपक्ष पर आरोप लगाते नहीं थक रहे हैं कि विपक्ष लोगों में भ्रम फैलाकर उनको गुमराह कर रहा है और जानबूझकर ओछी राजनीति पर उतर आया है. […]

पसमांदा केटेगरी पर कुछ ज़रूरी टिप्पणियां

khalid anis ansari

खालिद अनीस अंसारी (Khalid Anis Ansari) संविधान की धारा 341 में राष्ट्रपति अध्यादेश, 1950 द्वारा ग़ैर-हिन्दू दलितों को एससी लिस्ट से बाहर कर दिया गया था. 1956 में सिख दलितों और 1990 में नवबौद्ध दलितों को लिस्ट में वापिस शामिल कर लिया गया. लिहाज़ा अब सिर्फ मुस्लिम और ईसाई समाज के दलित एससी लिस्ट से बाहर हैं और ज़्यादातर को सेंट्रल […]

भारत में बलात्कार की घटनाओं के सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम

Hawaldar Bharti

हवलदार भारती (Hawaldar Bharti) बलात्कार क्या है? और यह क्यों घटित होता है? बलात्कार या यौन हिंसा के सामाजिक और सांस्कृतिक मायने क्या हैं? इस लेख का मुख्य उद्देश्य बलात्कार की घटनाओं की सामाजिक और सांस्कृतिक आयामों की तफ्तीश करना है. जैसा कि सर्वविदित है कि, बलात्कार भी एक हिंसा है. अर्थात ब्लात्कार हिंसा का अभिन्न अंग है. हालाँकि हिंसा के […]

डॉ अंबेडकर का अंतिम निर्णय हमारा पहला निर्णय क्यों होना चाहिए?

Sanjay Shraman Jothe 3 7 19

संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) जिस तरह संस्कृति और धर्म के आयाम को बहुजनों ने अपने भविष्य की रणनीति हेतु न इस्तेमाल करके इसे पूरी तरह आर्य ब्राह्मणों के हाथों मे छोड़ा हुआ है उसी तरह एक अन्य ताकतवर आयाम है – आध्यात्मिकता और मनोविज्ञान। यहाँ आध्यात्मिकता शब्द का इस्तेमाल करने मे खतरा है लेकिन मनोविज्ञान और समाज मनोविज्ञान […]

डॉ अंबेडकर का अंतिम निर्णय हमारा पहला निर्णय क्यों होना चाहिए?

संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) जिस तरह संस्कृति और धर्म के आयाम को बहुजनों ने अपने भविष्य की रणनीति हेतु न इस्तेमाल करके इसे पूरी तरह आर्य ब्राह्मणों के हाथों मे छोड़ा हुआ है उसी तरह एक अन्य ताकतवर आयाम है – आध्यात्मिकता और मनोविज्ञान। यहाँ आध्यात्मिकता शब्द का इस्तेमाल करने मे खतरा है लेकिन मनोविज्ञान और समाज मनोविज्ञान […]

नागरिक विरोधी नागरिकता कानून

Dhamma

धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) किसी भी राजनैतिक पार्टी को मालूम होता है कि उसे किस क्षेत्र से किस जाति-धर्म-समुदाय के लोगों का वोट मिल रहा है। अपने-अपने वोट बैंक को स्थिर रखने या और बढ़ाने के लिए तो राजनैतिक पार्टियां काम करती ही हैं, लेकिन विपक्षी पार्टियों के वोट बैंक को कमज़ोर करने या ख़तम करने का काम […]

NRC, CAA: कहीं अधिक खतरा तो दलितों को है

ambedkar and child edited

धर्मेश आंबेडकर (Dharmesh Ambedkar) जयभीम साथियों !  सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट(CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) का नाम तो आपने ज़रूर सुना होगा। मीडिया लगातार बता रही है कि ये मुसलमान विरोधी है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तो खुद यह कह चुके हैं कि इसके विरोधियों को उनके कपड़े के आधार पर पहचान की जा सकती है। यदि आप भी ऐसा ही […]

एक पूरी कौम को आबादी से निकालने की कवायद है CAB

Mohammad Javed

(मोहम्मद जावेद अलिग) Mohammad Javed Alig देश के गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम को लोकसभा में प्रस्तुत किया जिसे लोकसभा में पूर्ण बहुमत (311) मत के साथ उस अधिनियम को संशोधित करने की अनुमति दी गई है. इसके बाद इस बिल को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गयी है. इस अधिनियम को लाने की वजह जो […]

भारत में उभरते रेप संस्कृति के लिए ब्राह्मणवादी मानसिकता है जिम्मेदार

Vidyasagar

विद्यासागर (Vidyasagar) पिछले कुछ दिनों से हैदराबाद रेप मामले के विरोध में संसद से सड़क तक विरोध प्रदर्शन हुआ है. इस अपराधिक घटना ने मीडिया का ध्यान खींचा है. निर्भया काण्ड फिर से ताज़ा हो गया है. जहाँ निर्भया बलात्कार मामले में पूरी प्रिक्रिया को निभाया गया वहीँ हैदराबाद में हुई घटना में चारों आरोपियों को तुरंत सज़ा मल चुकी […]