मैं दलित हूँ [एक कविता- एक घोषणापत्र]

Vidyasagar

विद्यासागर (Vidyasagar)   मैं दलित हूँ और मुझे गर्व है मेरे दलित होने पर क्योंकि मैं पला हूँ कुम्हारों के चाकों  पर,मैं पला हूँ श्मशानों के जलते राखों पर,मैं पला हूँ मुसहरों के सूखे कटे पड़े शाखों  पर।मैं दलित हूँ क्योंकिमैंने देखा है अपनी माँ को धुप से तपते हुए खलिहानों  में,मैंने देखा है अपने पिता को मोक्ष दिलवाते श्मशानों […]

मधनिषेध की परछाई में दम तोड़ता न्याय

Praveen Kumar

प्रवीण कुमार (Praveen Kumar) मैं अभी वर्तमान समय में विचाराधीन बंदियों के साथ उनकी  सामाजिक विधि सहायता पर कार्य कर रहा हूँ. यह कार्य मैं क्रिमिनल जस्टिस फेलोशिप प्रोग्राम टाटा सामजिक विज्ञानं संस्थान के अंतर्गत कर रहा हूँ. यह फ़ेलोशिप एक प्रकार का फील्ड इंटरवेंशन हैं. इस फ़ेलोशिप की शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि नए प्रोफेशनल को […]

भूख के एहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) मेरा भाई अल्तमश मुझे आज कल बहुत से नए शायरों से रूबरू करा रहा है. ये शायर इतने प्रगतिशील और क्रांतिकारी हैं कि ये “खुदा की ज़ात” पे भी शेर लिखने से नहीं डरते. पर इनमें से किसी का भी शेर “जाति व्यवस्था’ के खिलाफ़ नहीं पढ़ा है मैंने. ऐसा कैसे मुमकिन है कि वे दुनियां […]

2019 में बहुजनों को आर्थिक क्रांति पर ज़ोर देना चाहिए

satvendra madara

सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) पिछली दो सदियों में बहुजन समाज के महापुरषों द्वारा चलाये गए अनेकों सामजिक, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक आंदोलनों के बाद अब 2019 में समय आ गया है कि हम आर्थिक आंदोलन की ओर भी बढ़ें. आर्थिक ताकत आज भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे मज़बूत ताकतों में से एक बन चुकी है. वो ज़माना गया जब […]

क्या मैं कायस्थ हूँ?

Payal Srivastava

पायल श्रीवास्तव (Payal Srivastava) यदि व्यक्तिगत तौर पर कभी मुझे इसका जबाब देना पड़े, तो मैं यही चाहूँगी कि मैं कायस्थ न रहूँ. मुझे भलीभांति यकीन है कि जाति सच नहीं है, जाति जैसा कुछ नहीं होता. मैं स्वयं मनुस्मृति जलाकर फेंक देना चाहती हूँ. मैं एक लड़की हूँ जो थोड़ी सी नास्तिक है और जिसने थोड़ा सा विज्ञान पढ़ा […]

फातिमा शेख और सावित्रीबाई फुले के बीच सहयोग

naaz khair

नाज़ खैर (Naaz Khair) आज सावित्रीबाई फुले की जयंती है. भारत की महान समाज सुधारक सावित्रीबाई का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. 9 बरस में ही उनका विवाह ज्योतिराव फुले के साथ हुआ जो आगे चलकर बाबा साहेब आंबेडकर के प्रेरणा स्रोत बने. ज्योतिबा बहुत बुद्धिमान […]

अपने शब्दों से मारो उनको

Vijetha K

विजेता कुमार  (Vijeta Kumar) 10 दिसंबर 2018 की शाम, दिल्ली में विश्व युवा केंद्र के किसी छोटे से सभागार में गायिका मालतीराव बौद्ध बड़े ही निश्चिन्त भाव से हिन्दू धर्म का निराकरण कर रही हैं. (हिन्दू धर्म- एक जीने की पद्धत्ति अथवा गाय हमारी माता है, हमको कुछ नहीं आता है, वगैरह-वगैरह. आप जो भी समझना चाहे.) मालतीराव की जोरदार […]

क्या बहुजन राजनीति संकट में है?

satvendra madara

सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों ने बहुजन राजनीति को असमंजस में डाल दिया है। एक ओर तो संविधान विरोधी RSS-BJP का सफाया होने से ST, SC, OBC और अल्पसंख्यकों ने राहत की साँस ली है, वहीं कांग्रेस की जीत ने “बहुजन समाज” के अपने राजनीतिक दलों की भूमिका पर भी कई […]

भीड़ हिंसा नहीं, समूह हिंसा कहिए

Suchit Kumar Yadav

सुचित कुमार यादव (Suchit Kumar Yadav) पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में कई महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटित हो रही हैं. मसलन मिर्जापुर शहर में ईद के त्यौहार के दौरान दो दिनों तक लगातार साम्प्रदायिक टकराव हुआ. 26 नवम्बर (2018) को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु धर्म संसद बुलाया गया. तीन दिसम्बर को बुलन्द शहर में हिंसक भीड़ ने एक पुलिस अधिकारी […]

ऐतिहासिक अंबेडकरवादी दलित-बहुजन छात्र आंदोलन की भूमिका: आलोचना एवं पर्याय

KUNAL RAMTEKE

समतामुलक समाज निर्माण के संदर्भ मे छात्र आंदोलन से एक अपील कुणाल रामटेके (Kunal Ramteke) मैं सुझाव में आपके सम्मुख इन अंतिम शब्दों को रखता हूँ- शिक्षित बनो, आन्दोलन करो और संगठित हो, स्वयं पर विश्वास रखो व् उम्मीद कभी मत छोड़ो. चूँकि न्याय हमारे पक्ष में है, तो नहीं लगता कि इस लड़ाई को हार जाने का कोई कारण […]