कौन हैं ये बाबा साहेब को ‘हृदयहीन’ और ‘गोड्से का समर्थक’ बताने वाले?

अरविंद शेष और राउंड टेबल इंडिया (Arvind Shesh & Round Table India) संदर्भ में मनमानी छेड़छाड़ के जरिए दुराग्रहों और धूर्त कुंठाओं का निर्लज्ज प्रदर्शनबाबा साहेब आंबेडकर के खिलाफ राजकमल प्रकाशन और अशोक कुमार पांडेय का दुराग्रही एजेंडा और धूर्ततापूर्ण अभियान इतिहास की किताब कोई कविता, कहानी, उपन्यास या गल्प लेखन नहीं है, जिसके पाठक अपनी सुविधा और समझ के […]

कवि कृष्णचंद्र रोहणा की रचनाओं में सामाजिक न्याय एवं जाति विमर्श

Deepak Mevati

डॉ. दीपक मेवाती (Dr. Deepak Mewati) सामाजिक न्याय सभी मनुष्यों को समान मानने पर आधारित है। इसके अनुसार किसी भी व्यक्ति के साथ सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक आधार पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मानव के विकास में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए। सामाजिक न्याय की अवधारणा का अर्थ भारतीय समाज […]

फासीवाद क्या है और उसका सामना कैसे करें?

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अंबेडकर किंग स्टडी सर्कल अंबेडकर किंग स्टडी सर्कल (AKSC) द्वारा कैलिफोर्निया (यू.एस.ए) में आयोजित कार्यशाला, “फासीवाद क्या है और उसका सामना कैसे करें?”   फासीवाद को चुनौती देने के लिये, मज़दूर वर्ग को, ऐतिहासिक संदर्भ में,  सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के बारे में स्पष्ट और गहन समझ होनी चाहिये।  शनिवार फरवरी 23 के दिन, सॅन होसे (San Jose) कॅलिफ़ोर्निया में, अंबेडकर किंग […]

सुन री सखी मेरी प्यारी सखी!

Payal Srivastava

पायल श्रीवास्तव (Payal Srivastava) …तभी सखी को एहसास होता है लडकियाँ लड़कों से कम थोड़े न हैं अतएव सखी ने अपनी ही योनि को हिंदी भाषा के तमाम तद्भव तत्सम समामनार्थी शब्दों का जामा पहनाकर और विभिन्न उपमाओं से सुसज्जित कर के एक के बाद एक वाक्यों में प्रयोग करते हुए अपनी प्यारी सखी को भेंट कर दिया और इस […]

फातिमा शेख और सावित्रीबाई फुले के बीच सहयोग

naaz khair

नाज़ खैर (Naaz Khair) आज सावित्रीबाई फुले की जयंती है. भारत की महान समाज सुधारक सावित्रीबाई का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. 9 बरस में ही उनका विवाह ज्योतिराव फुले के साथ हुआ जो आगे चलकर बाबा साहेब आंबेडकर के प्रेरणा स्रोत बने. ज्योतिबा बहुत बुद्धिमान […]

भीड़ हिंसा नहीं, समूह हिंसा कहिए

Suchit Kumar Yadav

सुचित कुमार यादव (Suchit Kumar Yadav) पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में कई महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटित हो रही हैं. मसलन मिर्जापुर शहर में ईद के त्यौहार के दौरान दो दिनों तक लगातार साम्प्रदायिक टकराव हुआ. 26 नवम्बर (2018) को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु धर्म संसद बुलाया गया. तीन दिसम्बर को बुलन्द शहर में हिंसक भीड़ ने एक पुलिस अधिकारी […]

“अश्वेत राष्ट्रवाद” से “बहुजन राष्ट्रवाद” तक

satvendra madara

सतविंदर मदारा (Satvendar Madara)  पिछली दो सदियों से भारत के कई हिस्सों में हज़ारों साल से चली आ रही ब्राह्मणवादी जाति व्यवस्था के खिलाफ जंग छिड़ी, जिसे पूर्वी भारत में हरिचंद-गुरुचंद ठाकुर, पश्चिमी भारत में फूले-शाहू-अम्बेडकर, उत्तर में बाबू मंगू राम, स्वामी अछूतानंद और दक्षिण में नारायणा गुरु और पेरियार रामास्वामी ने चलाया। अंग्रेज़ों के चले जाने के बाद सत्ता […]

‘कहाँ है जातिवाद’ की रट बनाम मोहब्बत का क़त्ल

विकास वर्मा (Vikas Verma) हमारे और आपके प्यार में अंतर है, बहुत अंतर है। आप लोग प्यार करते हो तो आपकी शादी हो जाया करती है। हम लोग प्यार करते हैं, तो हमें मार तक दिया जाता है… आपके द्वारा. आप फिर भी चौड़े होकर कहते हैं- कहाँ है जातिवाद? दरअसल आप, बस ऐसा बोलकर (अपने खुद के, अपने परिवार […]

जाति आधारित गैरबराबरी में विश्वास- अवैज्ञानिकता, अनैतिकता और मूर्खता

Dhamma

  धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) जो इंसान ठगी और दूसरों को मूर्ख बनाने का रास्ता अपनाता है वह सिर्फ दूसरे ठगों द्वारा ही विकास पसंद कहा जाता है. अन्यथा जीवन में असली विकास वही इन्सान करता हैं जो वैज्ञानिक, नैतिक और तर्कसंगत बात करता है. वैज्ञानिक स्वभाव वाला इंसान दूसरों से भी वास्तविकता में विश्वास रखने तथा उसमें […]

‘आनंदमठ’ उपन्यास, राजनीति और बहुजन

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) “पहले लोगों ने भीख मांगना शुरू किया, इसके बाद कौन भिक्षा देता है? उपवास शुरू हो गया। फिर जनता रोगाक्रांत होने लगी। गो, बैल, हल बेचे गए, बीज के लिए संचित अन्न खा गए, घर-बार बेचा, खेती-बाड़ी बेची। इसके बाद लोगों ने लड़कियां बेचना शुरू किया, फिर लड़के बेचे जाने लगे, इसके बाद गृहलक्षि्मयों का विक्रय […]