पम्मी लालोमज़ारा (Pammi Lalomazara) बंगा- नवांशहर (पम्मी लालोमज़ारा) ‘संत जरनैल सिंह भिंडरांवाले के साथ सबसे बड़ी गद्दारी ‘जरनल केटेगरी’ के लोगों ने की. मेरे समाज के लोगों को तो पता ही नहीं कि गद्दारी होती क्या है और कैसे करते हैं.’ उपरोक्त शब्द साहेब कांशी राम ने कहे थे. ये खुलासा एक ऐसे शख्स (नाम गुप्त) ने क्या था जो जो […]
बहुजन, कश्मीरी-मुस्लिम और स्वायत्तता का सवाल
धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) अगर कुछ अनजान लोग उनके चार-पांच लठेतों के साथ आपके घर में आकर रहने लगें और आपके जीने के सारे नियम-कायदे-कानून, रोज़ की दिनचर्या, आपकी पहचान तक को बदल दें, आपकी संपत्ति पर उनका हक़ जमाएं, आपको आपके ही घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दें या आपके आने-जाने का एक समय निर्धारित […]
‘खालसा ऐड’ के संस्थापक के जीवन में आये कोहनी-मोड़ की कहानी
रवि सिंह खालसा (Ravi Singh Khalsa) दोस्तों, क्षमाप्रार्थी हूँ… आज कोई जज्बाती कहानी नहीं बल्कि जज्बातों के समुन्दर से एक ऐसा कतरा साँझा करने जा रहा हूँ जिसने ऐशप्रस्ती का जीवन जी रही मेरी मानसिकता को ऐसा झकझोरा कि आज वही मानसिकता सरबत (समस्त मानवता) के भले की गठरी उठाये बिपदा के मारे हर इंसान के आँगन में रब का […]
शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज के निधन पर ग़मगीन दलितों के लिए
धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) “मुख्यधारा” की राजनीति की दो चर्चित महिला राजनेता शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज की क्रमशः 20 जुलाई 2019 और 6 अगस्त 2019 को मृत्यु हो गई। “मुख्यधारा” की इस घोर ब्राह्मणवादी और पितृसत्तावादी राजनीति में इन दोनों महिलाओं ने अपनी-अपनी सिर्फ कोरी मौजूदगी ही दर्ज नहीं कराई, बल्कि ख़ुद की प्रासंगिकता भी बनाए रखी, […]
संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश-1950 निरस्त करने के लिए पीएम मोदी के नाम खुला ख़त
यूसुफ़ अंसारी (Yusuf Ansari) मोदी जी, पंडित नेहरू की एक और ग़लती सुधारिए, मुसलमान और ईसाई दलितों को इंसाफ़ दिलाइए आदरणीय प्रधानमंत्री जी आदाब अर्ज़ है, सबसे पहले तो आपको बधाई दे दूं कि आपने जम्मू कश्मीर को लेकर बहुत बड़ा और कड़ा फैसला किया। ऐसा करने की हिम्मत दिखाने के लिए आपको दिल की गहराइयों से बधाई। दूसरे ट्रिपल […]
गुरु पूर्णिमा और गौतम बुद्ध का मध्यमार्ग
संजय जोठे (Sanjay Jothe) गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाते हुए आप ख़ुशी मनाइए लेकिन एक सावधानी जरुर रखियेगा। गुरु पूर्णिमा मनाते समय यह देखना जरुरी है कि आप किस ढंग से और किस गुरु को अपना मार्गदर्शक समझ रहे हैं? इतिहास और धर्म-दर्शन की खोजों ने यह सिद्ध कर दिया है कि गुरु पूर्णिमा असल में गौतम बुद्ध के विषय […]
‘आर्टिकल 15’ : ‘समरसता’ के सहारे जाति के जाल में जोर-आजमाइश
अरविंद शेष (Arvind Shesh) पिछले कुछ समय से लगातार यह मांग उठ रही थी कि अगर कोई सवर्ण पृष्ठभूमि का व्यक्ति जाति से अभिन्न समाज में बदलाव लाने की इच्छा रखता है तो उसे सबसे पहले ‘अपने समाज’ यानी अपने जाति-वर्ग को संबोधित करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि जाति का समूचा ढांचा न केवल उच्च कही जाने वाली […]
आर्टिकल 15, द्विज-क्रन्तिकारी और बहुजन (फिल्म विश्लेषण)
संजय जोठे (Sanjay Jothe) आर्टिकल 15 एक अच्छी फिल्म है, सभी मित्रों को जरुर देखनी चाहिए. इसमें कई खूबियाँ और कई कमियाँ है. यहाँ जब मैं इसे अच्छी फिल्म कह रहा हूँ तो इसका यही अर्थ है कि यह बहुत सारी दिशाओं में विचार करने को विवश करती है. कोई भी फिल्म या रचना एक आयाम में ही अपने निर्णयों […]
जनता के शरद: क्या खोया क्या पाया जग में
जन्मदिन पर विशेष जयंत जिज्ञासु (Jayant Jigyasu) छात्र-शिक्षक-शिक्षा-शोध-समाज-नुमाइंदगी-राष्ट्रनिर्माण-मानवता आदि के सरोकारों को संसद में 43 साल तक अनवरत उठाने वाले व तीन मुख़्तलिफ़ सूबों से चुनकर लोकसभा पहुंचने वाले देश के चौथे मात्र सांसद व यशस्वी सियासतदां शरद यादव का कल 73वां जन्मदिन था. शरद यादव को इतिहास में विशिष्ट जगह इसलिए भी मिलेगी कि जब लोकसभा का […]
जिसका मुद्दा उसकी लड़ाई, जिसकी लड़ाई उसकी अगुवाई
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) जामिया से मैंने समाजशास्त्र में अपना स्नातक किया है. यहाँ कई विचारकों को पढ़ने का मौका मिला पर इन विचारकों में बाबा साहब अम्बेडकर हमारे सिलेबस (syllabus) में शामिल नहीं थे. उस वक़्त मुझे ये बात समझ में नहीं आई कि ऐसा क्यों है कि बाबा साहब आंबेडकर जैसे विचारक को, जिन्होंने जातिय व्यवस्था पर इतना […]