नीरज ‘थिंकर’ (Neeraj Thinker) पूरी दुनिया जब कोरोना जैसी भयंकर वैश्विक महामारी से जूझ रही है तो उसमें भारत देश भी शामिल है जो इस महामारी की चपेट में आ चुका है, भारत में पहला केस केरल राज्य में 30 जनवरी 2020 को दर्ज किया गया और 3 फ़रवरी तक यह संख्या बढ़कर तीन हो गई, वायरस से संक्रमित सभी […]
कोरोना के बाद के अकल्पनीय संसार के लिए तैयार रहें
कुछ ज़रूरी बातें जसपाल सिंह सिद्धू (Jaspal Singh Siddhu चीन ने एक मोबाइल एप तैयार की है जिसका मकसद कोरोना वायरस के पीड़ितों के ऊपर नियंत्रण करना है. यह एप मोबाइल धारकों की सारी जानकारी सरकार को भेजती है. इस वक़्त यह एप कोरोना की रोकथाम के लिए कारगर भी साबित हो सकती है लेकिन इसके इस्तेमाल से जीवन की […]
1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान- पुस्तक समीक्षा
वाल्मीकियों के अदम्य साहस की साक्षी पुस्तक – 1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान दीपक मेवाती ‘वाल्मीकि’ (Deepak Mevati ‘Valmiki’) पुस्तक का नाम – 1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान लेखक – डॉ.प्रवीन कुमार कुल पृष्ठ – 80 (अस्सी) मूल्य – 60 (साथ रूपये) प्रथम संस्करण – 2019 प्रकाशक – कदम प्रकाशन दिल्ली – 110086 जो […]
ब्राह्मण – दलितों के ‘सच्चे उद्धारक’
व्यंग्य नीरज ‘थिंकर’ (Neeraj Thinker) बात जब भी सामाजिक उत्थान की आती है जिसमें खासकर ब्राह्मणवाद के ज़रिये हाशिये पर धकेल दिए गए वंचित समाज की स्थिति में सुधार की बात हो तो ब्राह्मण वर्ग से आने वाला एक तबका एक दम इसमें कूद पड़ता है. समझ में यें नहीं आता है कि इनको सामाजिक परिवर्तन की ज्यादा उत्सुकता या […]
5 अप्रैल की रात को 9 बजे, मैं…
मौलिकराज श्रीमाली (Maulikraj Shrimali) नीली आग की लपटें ————————- तुम्हारे आंसू गैस के गोलों से हमारी आँखे जल रही है और जल रहे है जाति-धर्म के हिंसा में हमारे घर भूख से जल रहा है वो पेट जो इक्कीस दिन के बाद… चल के अपने घर को पहुंचा है और जल रहा है मेरी बहन का […]
कोरोना का ख़तरा और पसमांदा समाज की ज़मीनी हकीक़त
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) 10 गुणा 12 के 2-3 कमरों का एक छोटा सा घर. उस घर में दादा-दादी, मियां-बीवी और 3 बच्चे रहते हैं. मऊ के पसमांदा मुस्लिम घरों की आमतौर से यही संरचना होती है. इसका मतलब है कि एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों में कोरोना वायरस के वाहक़ (carriers) मौजूद हैं. पोते-पोतियों से घिरे रहने के […]
कब तक ढोते रहें मैला? और क्यूँ ढोयें??
धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) कौन हैं ये सफाई कर्मचारी? सफाई कर्मचारी, मतलब वे लोग जो घरों में टॉयलेट/शौचालय साफ करने आते हैं, घरों से कूड़ा लेके जाते हैं, गली-सड़क पर झाड़ू लगाते हैं, और वो भी जो बड़े-बड़े कूड़े के ढेर से कूड़ा गाड़ी में भरकर ले जाते हैं। किसी भी आम इंसान को ये काम एक बहुत […]
COVID-19, सामाजिक दूरी: मिथकों के जलवे
इस्तिखार अली और लोचन (Istikhar Ali & Lochan) भारत एक मिथक प्रधान देश है. शादी ब्याह से लेकर बिमारियों तक में ये मिथक जाति प्रेरक मिथकों के प्रिज़्म से जब गुज़रते हैं जिससे देश की सही रंगत भी सामने आ जाती है. मिथक बिमारियों से भी घातक है. कोरोनावायरस (COVID-19) के चलते सामाजिक दूरी का भी यही फंडा है. भले […]
तो क्या इन सब को ऐसे ही मरने दिया जाए?
रूपाली जाधव (Rupali Jadhav) बड़े दिनों बाद आज घरवालों से बात हुई जिसमें सबसे करोना के ऊपर ही बात चली. मैंने घरवालों से हालचाल पूछा और पूछा कि बस्ती (पुना की एक बड़ी बस्ती जिसका नाम काशेवाडी है) में क्या चल रहा है? तब मां ने कहा कि हर कोई उदास बैठा है, हर किसी के मन में सवाल है […]
वैश्विक चुनौतियाँ और भारत मे प्रचलित सभ्यता व धर्म
संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) जब जिंदगी पर मौत का साया मंडरा रहा होता है, तभी जीवन और धर्म से जुड़ी असली सच्चाईयों की खोज करने की इच्छा जागती है। भारत में प्राचीन समय में गौतम बुद्ध के द्वारा दिए गए दर्शन को समझने का यही ठीक समय है। गौतम बुद्ध ने जिस प्रकार से प्रकृति और जीवन की […]