5 अप्रैल की रात को 9 बजे, मैं…

Maulikraj Shrimali

मौलिकराज श्रीमाली (Maulikraj Shrimali)   नीली आग की लपटें ————————-   तुम्हारे आंसू गैस के गोलों से हमारी आँखे जल रही है और जल रहे है जाति-धर्म के हिंसा में हमारे घर   भूख से जल रहा है वो पेट जो इक्कीस दिन के बाद…  चल के अपने घर को पहुंचा है   और जल रहा है मेरी बहन का […]