इर्रफान ने आपके ढोंग की पुंगी बजा दी है

manish chand

मनीष कुमार चांद (Manish Kumar Chand) आजकल अशरफ समाज के पढ़े-लिखे लड़के धार्मिक सुचिता और कट्टरता की बात क्यों करते हैं? दरअसल, वे चाहते हैं कि समाज में अलगाव पैदा हो, जिससे गरीब और हैसियत विहीन लोग समाजिक अलगाव और अत्याचार के शिकार हों. इससे इनको दो फायदे है – पहला- अजलाफ, यानि छोटी जाति और अरजाल, यानि जाति व्यवस्था […]

घेटोअ गॉस्पेल (Ghetto Gospel)

Rahul Sonpimple

राहुल सोनपिंपले (Rahul Sonpimple)   पुल की दायीं तरफ नयी रंगीन बीस मंजिला ईमारत बनी थी रात को आसमान के तारे ईमारत पे उतर आते थे बिल्डर ने पारधियों की झोंपड़ियाँ हटाके, सिर्फ ज़मीन ही थोड़ी ना खरीदी थी! हमारे बस्ती के किनारे लगे रिंग रोड पे चढ़के देखना सरकार ने बिल्डर को पूरा आसमां बेच दिया था श्याम होते […]

कोविड19 के बहाने राज्यों पर दबदबा बनाता केंद्र- साजिशों की आहट

Islam Hussain

इस्लाम हुसैन (Islam Hussain) कोविड-19 को एक ओर विश्व के नए संगठक के रूप में देखा जा रहा लेकिन भारत की सरकार इसे अपने एजेन्डे का लागू करने के अवसर की तरह देख रही है. यह प्रश्न अब बहुत पीछे छूट गया है कि सरकार ने समय रहते इस महामारी से लड़ने की तैयारी क्यों नहीं की, और वह तैयारी […]

पंजाब के महात्मा फुले व् सिख धर्म के तारणहार- ज्ञानी दित्त सिंह

Jaspal Singh Siddhu Khushhal Singh

जसपाल सिंह सिद्धू/ खुशहाल सिंह (Jaspal Singh Siddhu/ Khushhal Singh) आज हम ज्ञानी दित सिंह को उनकी जयंती पर नमन करते हैं। उन्होंने 19 वीं शताब्दी में ब्राह्मणवादी हमले के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसने सिख-धर्म को हिंदू धर्म के संप्रदाय में बदलने का प्रयास किया. अमृतसर के दरबार साहिब में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना के साथ, ब्राह्मणवाद ने […]

कोरोनाकाल चिन्तन: मीडिया सरकार पर मेहरबान या सरकार मीडिया पर

Islam Hussain

इस्लाम हुसैन (Islam Hussain) एक कविता है- राजा बोला रात है रानी बोली रात है मंत्री बोला रात है संतरी बोला रात है सब बोले रात है यह सुबह सुबह की बात है… गोरख पाण्डे की इस मशहूर कविता में अगर राजा के बाद रानी, मंत्री और संतरी आदि को ए, बी, सी, डी मीडिया मान लिया जाऐ तो यह […]

सुपर हीरो की दुनिया में नस्लवाद: ‘वॉचमेन’ की समीक्षा

Lenin Maududi

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) 31 मई 1921 की बात है, जिला ग्रीनवुड (Greenwood district) के ओक्लाहोमा (Oklahoma) में स्थित टुल्सा (Tulsa) के एक सिनेमाघर में एक बच्चा फ़िल्म देख रहा है. फ़िल्म का नायक एक नकाबपोश काला हीरो है. जो गोरों की जान बचाता है, सभी उससे प्यार करते हैं. बच्चा उस हीरो को देख कर फ़िल्म का आनंद ले […]

भारतीय संस्कृति किसकी है, बहुजनों की या ब्राह्मण धर्म की?

Amit Kumar Mumbai

अमित कुमार (Amit Kumar) हिन्दू कोई धर्म नहीं है, कथित ज्ञाता सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा, इस पर कोई बवंडर नहीं मचा. हिन्दू कोई धर्म नहीं है, 1995 के प्रसिद्ध हिंदुत्ववाद में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा इस पर भी कोई हंगामा नहीं हुआ. हिन्दू कोई धर्म नहीं बल्कि एक संस्कृति है, वीर सावरकर ने कहा, तब सब जमूरों की तरह झूमने […]

भीम जीवन कथा (कविता)

Deepak Mevati

दीपक मेवाती ‘वाल्मीकि’ (Deepak Mevati ‘Valmiki’)     महाराष्ट्र का गाँव अंबावडे, अंबावडे में रहते सकपाल घर उनके जन्मा एक बालक, आगे चल जिसने किये कमाल। चौदह अप्रैल अठारह सौ इक्यानवे, जिस पल भीम का जन्म हुआ चौदहवीं सन्तान भीमा ने पाई, भीम था उसको नाम दिया।।   हष्ट-पुष्ट और चंचल बालक, अति बुद्धि और ज्ञानवान पढ़ाई में बिल्कुल अव्वल […]

भारत की नई धार्मिक क्रांति के जनक बाबा साहब अंबेडकर

sanjay Shraman Jothe

संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) भगवान बुद्ध ने अपने आध्यात्मिक अनुशासन की रचना करते हुए जिस अष्टांग मार्ग को बुना है, उसमें सम्यक दृष्टि सबसे ऊपर आती है। उसके बाद जो सात चरण हैं वे इसी सम्यक दृष्टि पर ही आधारित हैं। इसी श्रमण परंपरा में निगंठनाथ सुत्त भगवान महावीर भी आते हैं जो कि श्रमण जैन परमपरा के […]

ज्योतिबा फूले: भारतीय आधुनिकता के पिता

sanjay sharman jothe

संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) ज्योतिबा फुले के जन्मदिन पर आप एक बात गौर से देख पाएंगे। गैर बहुजनों के बीच में ही नहीं बल्कि बहुजनों अर्थात ओबीसी, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के लोगों के बीच भी ज्योतिबा फुले को उनके वास्तविक रूप में पेश करने में एक खास किस्म की कमजोरी नजर आती है। ओबीसी अनुसूचित […]