अपने शब्दों से मारो उनको

Vijetha K

विजेता कुमार  (Vijeta Kumar) 10 दिसंबर 2018 की शाम, दिल्ली में विश्व युवा केंद्र के किसी छोटे से सभागार में गायिका मालतीराव बौद्ध बड़े ही निश्चिन्त भाव से हिन्दू धर्म का निराकरण कर रही हैं. (हिन्दू धर्म- एक जीने की पद्धत्ति अथवा गाय हमारी माता है, हमको कुछ नहीं आता है, वगैरह-वगैरह. आप जो भी समझना चाहे.) मालतीराव की जोरदार […]

क्या बहुजन राजनीति संकट में है?

satvendra madara

सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों ने बहुजन राजनीति को असमंजस में डाल दिया है। एक ओर तो संविधान विरोधी RSS-BJP का सफाया होने से ST, SC, OBC और अल्पसंख्यकों ने राहत की साँस ली है, वहीं कांग्रेस की जीत ने “बहुजन समाज” के अपने राजनीतिक दलों की भूमिका पर भी कई […]

भीड़ हिंसा नहीं, समूह हिंसा कहिए

Suchit Kumar Yadav

सुचित कुमार यादव (Suchit Kumar Yadav) पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में कई महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटित हो रही हैं. मसलन मिर्जापुर शहर में ईद के त्यौहार के दौरान दो दिनों तक लगातार साम्प्रदायिक टकराव हुआ. 26 नवम्बर (2018) को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु धर्म संसद बुलाया गया. तीन दिसम्बर को बुलन्द शहर में हिंसक भीड़ ने एक पुलिस अधिकारी […]

ऐतिहासिक अंबेडकरवादी दलित-बहुजन छात्र आंदोलन की भूमिका: आलोचना एवं पर्याय

KUNAL RAMTEKE

समतामुलक समाज निर्माण के संदर्भ मे छात्र आंदोलन से एक अपील कुणाल रामटेके (Kunal Ramteke) मैं सुझाव में आपके सम्मुख इन अंतिम शब्दों को रखता हूँ- शिक्षित बनो, आन्दोलन करो और संगठित हो, स्वयं पर विश्वास रखो व् उम्मीद कभी मत छोड़ो. चूँकि न्याय हमारे पक्ष में है, तो नहीं लगता कि इस लड़ाई को हार जाने का कोई कारण […]

ट्रांस, जेंडर नॉन कन्फोर्मिंग (जी.एन.सी.) और इंटरसेक्स कलेक्टिव के द्वारा किन्नर अखाड़ा द्वारा अयोध्या, भारत में राम मंदिर के समर्थन के खिलाफ कड़ी निंदा

यह अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल में राम मंदिर के लिए किन्नर अखाड़ा के आह्वान के जवाब में, भारतीय ट्रांस, इंटरसेक्स और जेंडर नॉन कन्फोर्मिंग (टी/आईएस/जीएनसी) व्यक्तियों और समूहों द्वारा जारी एक बयान है। इस बयान को किन्नर अखाड़ा के इस आह्वान पर पीड़ा, चिंता और निंदा की गहरी भावना के साथ जारी किया जा रहा है, क्यूंकि किन्नर अखाड़ा […]

“अश्वेत राष्ट्रवाद” से “बहुजन राष्ट्रवाद” तक

satvendra madara

सतविंदर मदारा (Satvendar Madara)  पिछली दो सदियों से भारत के कई हिस्सों में हज़ारों साल से चली आ रही ब्राह्मणवादी जाति व्यवस्था के खिलाफ जंग छिड़ी, जिसे पूर्वी भारत में हरिचंद-गुरुचंद ठाकुर, पश्चिमी भारत में फूले-शाहू-अम्बेडकर, उत्तर में बाबू मंगू राम, स्वामी अछूतानंद और दक्षिण में नारायणा गुरु और पेरियार रामास्वामी ने चलाया। अंग्रेज़ों के चले जाने के बाद सत्ता […]