मुस्लिम आरक्षण: पसमांदा के लिए होलोकास्ट जैसा

Nurun N Zia Momin Edited

  एड0 नुरुलऐन ज़िया मोमिन (Adv. Nurulain Zia Momin) तथाकथित मुस्लिम लीडरशिप द्वारा काफी समय से निरन्तर मुस्लिम आरक्षण की माँग की जाती रही है. इधर सच्चर आयोग की उस तथाकथित रिपोर्ट (मुस्लिमों की हालत दलितों से बदतर है) की आड़ लेकर (हालाँकि सच्चर ने ऐसा बिल्कुल नहीं कहा है) ये माँग और तेज कर दी गयी है. जब हम […]

मैं, मैला उठाने वाला, तुम्हारा वोट बैंक नहीं हूँ!!

Dhamma

  धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) हाथ से मैला साफ़ करने वालो का जीवन जातिगत छुआछूत, महिलाओं पर अत्त्याचार, गन्दगी और अपमान से भरा हुआ है। जो खुद को “ताकतवर” समझने लगते हैं जब राजनेता उन्हें वोट बैंक के रूप में देखते हैं। लेकिन, मैला साफ़ करने वालों के जीवन, अभिलाषाओं, और उनके रहन-सहन को सही मायनों में समझे […]

उच्च शिक्षा में वैकल्पिक विमर्श के मायने

Deepak Kumar

  दीपक कुमार (Deepak Kumar) वर्तमान समय में जिस तरीके से प्रगतिशील विमर्श पर हमले किये जा रहे है, वह हमारे शैक्षणिक जगत में एक संवाद की संभावना को खत्म करने की कोशिश को प्रदर्शित करता है। वैसे तो हमेशा से ही शैक्षणिक जगत में एक खास तरीके की शिक्षा प्रद्धति का वर्चस्व रहा है, जो कहीं न कहीं प्राथमिक […]

गाय हिंसा के लाभार्थी कौन हैं?

naaz khair

  जिस गौ हिंसा से लहुलहान हैं पसमांदा-बहुजन, उसी गौ आतंक का लाभार्थी है सय्यद-ब्राह्मण नाज़ खैर (Naaz Khair) अनुकूल जलवायु और स्थलाकृति (Topography) के कारण, पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन आदि क्षेत्रों ने भारत में प्रमुख सामाजिक-आर्थिक भूमिका निभाई है. इसके अलावा,  पारंपरिक, सांस्कृतिक एवम् धार्मिक मान्यताओं ने भी इन गतिविधियों की निरंतरता में अपना योगदान दिया है. वैसे देखा […]

अशराफिया प्रोपगंडा: जिन्ना,लीग,पाकिस्तान और पसमांदा

Nurun N Zia Momin Edited

  एड0 नुरुलऐन ज़िया मोमिन (Adv. Nurulain Zia Momin) जबसे पसमांदा मूवमेन्ट से जुड़े कार्यकर्ताओं ने अपने सामाजिक अधिकारों के लिए आवाज़ बुलन्द करना शुरू की है तबसे ही पसमांदा आन्दोलन को दबाने व उससे जुड़े लोगों को हतोत्साहित करने के लिए तथाकथित अशराफों द्वारा निरन्तर नित नए निराधार आरोप पसमांदा आन्दोलन व उससे जुड़े लोगों पर लगाये जाते रहे […]

आप अपना पाला खुल के ही घोषित कर दीजिये अब!

Suresh Jogesh

  सुरेश जोगेश (Suresh Jogesh) मीडिया विजिल,  आज से तक़रीबन दो साल पहले जब मैं डेल्टा मेघवाल मामले में स्थानीय मीडिया की भूमिका पर लिख रहा था तब आपके संपर्क में आया था. मुझे अच्छा लगा जब आपने मेरी वाल से मेरा लेख कॉपी करके MediaVigil में जगह दी और यह भी कि आपने मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. लगातार दो […]