‘जंगो लिंगो लाठी गोंगों’ एक महान कोयापुनेमी उत्सव

डॉ सूर्या बाली “सूरज धुर्वे” (Dr. Suraj Bali ‘Suraj Dhurve’) कोया-पुनेमी संस्कृति में प्रकृति को सर्वोच्च माना गया है और मानव को प्रकृति के साथ समंजस्य बनाकर जीवन जीने की बात कही जाती है. प्रत्येक मानव प्रकृति की समझ के बिना अपूर्ण, अज्ञानी और अपरिपक्व होता है जो प्रकृति के सानिध्य में रहकर समय के साथ पूर्ण, ज्ञानी और परिपक्व […]

जाने कब वो कल होगा

Deepak Mevati

दीपक मेवाती ‘वाल्मीकि’ (Deepak Mevati ‘Valmiki’) मैं भी प्यार मोहब्बत लिखतालिखता मैं भी प्रेम दुलारलिखता यौवन की अंगड़ाईलिखता रूठ और मनुहारलिखता प्रकृति की भाषालिखता दुश्मन का मैं वारलिखता फूलों की मादकतालिखता नभमंडल के पार। पर नहीं सोच पाता है मनकुछ उससे आगे पार लिखूंसुरक्षित जीवन सबका हो जिससे बस उसका जीवन सार लिखूं। जहाँ की सोच लग जाता हैकपड़ा सबकी […]

एक कोइतूर बच्चे ने कहा- मुझे डॉक्टर बनना है

sanjay Shraman Jothe

एक संकल्प, एक सपने और एक वादे की दास्तान डॉ.सूर्या बाली संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) इस प्रेरणादायी कहानी में आपका स्वागत है। यह कहानी ट्राइबल (कोइतूर) समाज से आने वाले एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जिसने ग़रीबी और जातिगत घृणा के बीच जन्म लिया, जीवन भर ग़रीबी और जातिवादी नफ़रत और हिंसा का सामना किया। इस […]

क्या सर सैयद अहमद खान पसमांदा मुसलमानों की आधुनिक शिक्षा के विरोधी थे?

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi)  आप को लगता होगा कि मुस्लिम समाज मे लोग तक़लीद (अंधभक्ति) सिर्फ अपने मसलक (रास्ता) के उलेमा की करते हैं. अगर आप उनके मसलक के उलेमाओं के जातिवादी सोच के बारे में कुछ बोलेंगे तो वह आप के पीछे डंडे ले कर पड़ जाएंगे. पर मेरा अपना अनुभव है कि देवबंदी, बरेलवी, अहले-हदीस आदि मसलक के […]

हाथरस घटना- मांगने से इंसाफ कब मिला है यहाँ

सतविंदर मनख (Satvinder Manakh) कुछ ही हफ्ते पहले, 14 सितंबर, 2020 को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में – 19 साल की मनीषा वाल्मीकि का 4 सवर्ण ठाकुर जाति के लड़कों ने बलात्कार किया। 29 सितंबर, 2020 को उस बच्ची की दर्दनाक मौत हुई। मनीषा के बलात्कार और हत्या काण्ड ने, आज 21वीं सदी में भी सवर्णों और खासकर ठाकुरों […]

हाथरसः तोड़नी होगी अन्याय की असली ज़मीन

बी. शारदा (B. Sharda) अन्याय के प्रतिकार के लिए शायद ‘अन्याय’ ही रास्ता है, तभी एक न्याय व्यवस्था उभर कर आएगी। अन्याय क्या है, यह कौन बताएगा? अन्याय की समझ सबके भीतर अपने जीवन के कटु अनुभवों से आती है। खासतौर पर तब जब व्यक्ति उस बात की सजा पाता है जो अपराध उसने किया ही नहीं। मंदिर आन्दोलन भारतीय […]

मंजिल-ए-मक़सूद मान्यवर कांशी राम को याद करते हुए

गुरिंदर आज़ाद (Gurinder Azad) एक बार कांशी राम साहेब कार में अपने सहयोगियों के साथ कहीं जा रहे थे. उनकी तबियत जरा नासाज़ थी. एक सहयोगी ने शायद साहेब को रिझाने के लिए कहा, ‘साहेब, कहिये, क्या चाहिए आपको? आप जो चाहोगे मैं वही पेश करूंगा आपके लिए.’ साहेब ने कहा, ‘क्या, सच में?’. ‘जी बिलकुल’, जोशीला जवाब आया. ‘तो मुझे कहीं से समय […]

बलात्कार ही तो हुआ है, तो क्या हुआ

सुरजीत गग (Surjit Gag)  बलात्कार ही तो हुआ है तो क्या हुआ इंदिरा गाँधी थोड़े न मरी है जो सरकारी शह परकत्लेआम की इजाज़त दे दें! वह कौन-सा उस मनमोहन सिंह की बेटी थी जो कहता था-मैं भी बेटियों वाला हूँ! यहाँ तो ऐसे ही चलता है यहाँ तो ऐसे ही चलेगा  जितनी मर्ज़ी कैंडलें फूंक लो जितनी मर्ज़ी छाती पीट […]