संजय जोठे (Sanjay Jothe) पाकिस्तानी पत्रकार हसन निसार बार बार एक शब्द दोहराते हैं “सॉफ्ट टेरोरिज्म”। इस शब्द से उनका मतलब उन वहशियाना चालबाजियों से है जिनके जरिये किसी समाज या देश मे सत्ता और धर्म के ठेकेदार अपने ही गरीबों का खून चूसते हैं। हसन निसार बताते हैं कि ये साफ्ट टेरोरिज्म दूसरे रंग ढंग के किसी भी […]
इस्लामिक जाति व्यवस्था बनाम इबलीसवाद【1】
एड0 नुरुलऐन ज़िया मोमिन (Adv. Nurulain Zia Momin) जब कभी मुसलमानों में विद्यमान जाति व्यवस्था अथवा मुस्लिम समाज में स्थापित जाति आधारित ऊँच-नीच की मान्यता का मुद्दा किसी व्यक्ति अथवा संगठन विशेषकर पसमांदा आन्दोलन से संबंधित संगठनों द्वारा अपने हक-अधिकार व मान-सम्मान【2】 हेतु उठाया जाता है तो फौरन एक स्वर में तथाकथित (धार्मिक, सियासी, सामाजिक वगैरह) मुस्लिम रहनुमाओं द्वारा […]
बहुजन भारत के निर्माण का सबसे आसान और कारगर उपाय क्या है?
संजय जोठे (Sanjay Jothe) क्या आपको पशु पक्षियों या पेड़ पौधों में ऐसी प्रजातियों का पता है जो अपने ही बच्चों के लिए कब्र खोदती है? या अपने ही बच्चों का खून निकालकर अपने दुश्मनों को पिलाती है? मैंने तो आजतक ऐसा कोई जानवर या पक्षी या पेड़ नहीं देखा जो अपने बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने की […]
Malcolm X, नस्लीय असमानता के खिलाफ जंग छेड़ने वाला महान अफ़्रीकी-अमरीकी योद्धा
सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) अमरीका में नस्लीय असमानता के खिलाफ लम्बा संघर्ष हुआ, जिसमें कई महान नेताओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई. इन सब में मैलकम X का नाम एक अलग ही पहचान रखता है. यूरोपीय मूल के लोगों ने 15वी शताब्दी के अंत में दुनिया के दुसरे महाद्वीपों में जाकर कब्ज़ा करना शुरू किया. अमरीका में उनके द्वारा […]
मुस्लिम आरक्षण बनाम पसमांदा आरक्षण
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) जब मुसलमानों में जाति का सवाल उठता है तो कई मुस्लिम विद्वान छटपटाहट के साथ कहते हैं – कुरान में जात-पात कहाँ? पर यहाँ सवाल कुरान का नहीं उसकी व्याख्या का है. किसी भी किताब की व्याख्या कोई लेखक करता है और लेखक हमारे इसी समाज के होते हैं. लेखक की समाजी हैसियत का असर उसकी […]
दलित-आदिवासी महिला स्वाभिमान यात्रा – जारी है
शिक्षित बनो संगठित बनो संघर्ष करो दलित आदिवासी महिला स्वाभिमान यात्रा 23 अप्रैल 2018 से 2 मई 2018 तक अपील साथियों जय भीम ! दलित -आदिवासी महिला स्वाभिमान यात्रा ऐसा एक प्रयास है जो मानवाधिकारों के विभिन्न मुद्दों को सामने लाना चाहती है और सरकार व् […]
जे.एन.यू में बहुजन साहित्य संघ की हुई स्थापना
सामाजिक न्याय जिंदाबाद, लैंगिक न्याय जिंदाबाद, बहुजन एकता जिंदाबाद, बहुजन साहित्यिक क्रांति ज़िंदाबाद आरती यादव, विश्वम्भर नाथ प्रजापति, प्रियंका कुमारी साहित्य एवं संस्कृति के माध्यम से वैश्विक चेतना के निर्माण हेतु जे.एन.यू के बहुजन (आदिवासी, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछडा वर्ग और पसमांदा) शोध छात्रों ने 11 अप्रैल 2018 को जे.एन.यू के कन्वेंशन सेंटर में बहुजन साहित्य संघ […]
आंबेडकर, आरक्षण और न्याय के संदर्भ
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) अमर्त्य सेन ने अपनी किताब ‘द आईडिया ऑफ़ जस्टिस’ में तीन बच्चों- ऐनी, बॉब और कार्ला के बीच एक बांसुरी के स्वामित्व को लेकर हुए विवाद का उदाहरण देते हैं. ऐनी यह कहकर बांसुरी पर अपना हक जताती है कि उसे ही बांसुरी बजानी आती है. वहीं बॉब का तर्क यह है कि वह बेहद गरीब […]
2 अप्रैल का ऐतिहासिक भारत बंद – बहुजन इंक़लाब की ओर बढ़ता भारत
सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC-ST Act को कमज़ोर करने के विरोध में 2 अप्रैल को हुए ऐतिहासिक भारत बंद में जिस तरह पूरा बहुजन समाज (OBC+SC+ST+Minority) एकजुट हुआ, उसने यह साफ कर दिया है कि भारत अब बहुजनों की क्रांति की ओर बढ़ रहा है। जब 20 मार्च को यह फैसला आया तो सोशल मीडिया […]
हिंसा से फिक्रमंद लोगों की चुप्पी की हिंसा
रितु कुमारी (Ritu Kumari) मुझे बहुत गंदी बू आ रही है। भीतर से सड़े हुए एक समाज की गंदी बू, जो सबको अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए बराबर हक देना तो दूर, उनके साथ हुई बर्बरता को देख कर ठहाके लगाता है और अपनी आंखें मूंद लेता है। मुझे ऐसे लोगों के उच्च-जातीय दुराग्रहों और कुंठाओं से लैस होने, […]