‘बाबासाहब अंबेडकर मेरे लिए क्या मायने रखते हैं ‘ शीर्षक पर लेख आमन्त्रित हैं

wbm announcement

  Round Table India बाबा साहिब के जीवन और उनकी उपलब्धियों को मनाने के लिए किसी ख़ास अवसर की ज़रूरत नहीं है, उनका उदय एक चेतना और जन-मानस के एक नैतिक लंगर के रूप में हुआ। एक संगीतमय परम्परा उनके जीवन के प्रतिपादन की जो उनके जन्म से शुरू होते हुए, महाड़ में अपना रूप लेते हुए, पूना पैक्ट, गोल मेज़ सम्मलेन, […]

बाबरी से दादरी तक

श्वेता यादव (Sweta Yadav) आज़ाद भारत जी हाँ आज़ाद भारत! सिर्फ आज़ाद ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश। लोकतंत्र का जश्न मानते हुए भारत के नागरिकों को लगभग 68 वर्ष गुजर चुके हैं लेकिन आज भी कुछ सवाल जस का तस हमारे सामने मुह बाए खड़े है। समानता का अधिकार देता हमारा संविधान यह सुनिश्चित करता है […]

‘मैं शब्द-दर-शब्द कविता हूँ’: गुरिंदर आज़ाद के काव्य संग्रह ‘कंडीशंस अप्लाई’ का लोकार्पण

  ‘कंडीशंस अप्लाई’ हिंदी काव्य संग्रह का लोकार्पण 29 सितम्बर (4:00pm – 8:00pm, Auditorium, SSS-I, JNU) को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में   गुरिंदर आज़ाद कवि और दलित एक्टिविस्ट हैं। उनके लेखे डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण, पत्रकारिता, सामाजिक विषय लेखन जैसे अन्य काम भी हैं। बठिंडा के एक मार्क्सवादी परिवार में जन्में। तज़ुर्बों की खाक़ छानते छानते अंबेडकरवादी हो गए। पिछले कई […]

शुक्रिया बाबा साहेब

gurinders tribute

Gurinder Azad गुरिंदर आज़ाद शुक्रिया बाबा साहेब !आपके चलतेहमें किसी से कहना नहीं पड़ताकि हम भी इंसान हैं ! उनके अहं को जो भी हो गवारालेकिन अब तस्दीक हो चुका हैकि बराबरी थाली में परोस कर नहीं मिलतीआबरू की धारा किसी वेद से नहीं निकलतीबड़ा बेतुका हैकल्पना करके सोनासुबह अलग सा कोई नज़ारा होगाया धीरे धीरे सब सही हो जायेगाअपनेआप […]

किसकी चाय बेचता है तू (Whose Tea Do You Sell)

  Braj Ranjan Mani किसकी चाय बेचता है तू ~ ब्रजरंजन मणि अपने को चाय वाला क्यूँ कहता है तू बात-बात पे नाटक क्यूँ करता है तू चाय वालों को क्यों बदनाम करता है तू साफ़ साफ़ बता दे किसकी चाय बेचता है तू !   खून लगाकर अंगूठे पे शहीद कहलाता है और कॉर्पोरेट माफिया में मसीहा देखता है […]

श्रद्धांजलि शब्द-संस्मरण – ओम प्रकाश वाल्मीकि जी को समर्पित

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कैलाश वानखेड़े लेखक, कहानीकार, कवि एवं दलित चिंतक ओम प्रकाश वाल्मीकि जी के निधन पर लेखक कैलाश वानखेड़े द्वारा संकलित श्रद्धांजलि सन्देश जो कि फेसबुक पर लोगों ने वाल्मीकि जी को याद करते हुए लिखे. ~ मेरे पिताजी का देहांत 1 मार्च 1983 को हो गया था. मेरा जन्म 01-03-1973 का है, हिसांब लगा लें कि मेरी उम्र उस समय […]

ओम प्रकाश वाल्मीकि: हिंदी साहित्य के स्तम्भ नहीं रहे

  अनिता भारती   दलित साहि्त्य के सशक्त हस्ताक्षर व वरिष्ठ लेखक ओमप्रकाश बाल्मीकि जी का आज सुबह परिनिर्वाण हो गया। वे पिछले एक साल से ‘बड़ी आंत की गंभीर बीमारी’ से जूझ रहे थे। उनका हिन्दी साहित्य और दलित साहित्य में उनके अवदान और उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोज उनसे मिलने […]

मनुवाद के शिकंजे में जकड़ी भारतीय उच्च शैक्षणिक संस्थाए: एक विडियो रिपोर्ट

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Neel Kranti Media प्रो. मुंगेकरकमेटी रिपोर्ट को लागू करवाने तथा वर्धमानमहावीर मेडिकल कॉलेज केदलित-आदिवासी छात्रो के हितो के लिए 19 अक्टूबर को जंतर मंतर, नयी दिल्लीमें एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शन में जेएनयू, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जामियायूनिवर्सिटी, एम्सऔर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज केछात्रो ने वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के संघर्षरत दलित-आदिवासी छात्रोके साथ मिलकर उच्च शिक्षण संस्थानों में […]

राउंड टेबल इण्डिया के बारे में

‘अगर अछूत और दलित आवाज़ न उठाएँ, तो हिन्दुओं को उनकी हालत से कोई फर्क नहीं पड़ता है और वे पूरी तरह से उदासीन बने रहते हैं. चाहे दलित हजारों लाखों की संख्या में हों, वो कोई जहमत नहीं उठाते. लेकिन अगर अछूत खड़े हों और अस्तित्व के लिए लड़ें, तो वे उनकी पहचान नकारने के लिये तैयार बैठे रहते […]