वीरांगना फूलन देवी का स्मरण प्रतिदिन करना चाहिए

रजत कुमार सोनकर (Rajat Kumar Sonkar) हमारे दलित बहुजन समाज में बहुत से समाज सुधारक और जाति-विरोधी आंदोलनकारी हुए जिनके संघर्ष और विजय की अनगिनत कहानियाँ हम जानते है। इन सघर्षो की सबसे रोचक बात यह रही है कि इसमें बहुजन महिलाओं और पुरुषों दोनों ने ही कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया है। ये एक गर्व का विषय है. […]

विमुक्त माह- मुद्दों की आवाज़, संघर्ष का जश्न

सन 1952 से ही दिन 31 अगस्त विमूक्त दिन के रूप में मनाया जाता आ रहा है. यह दिन इसीलिए ज़रूरी है क्यूंकि इस दिन, क्रिमिनल ट्राइब एक्ट (CTA) 1871 के तहत, विमुक्त जनजातियों (Denotified Tribes) को “क्रिमिनल” यानी अपराधी होने के लांछन से मुक्त किया गया था. यूं कहिये कि इस दिन ख़ानाबदोश और विमुक्त जनजातियों को इस लांछन […]

सफाई कर्मचारीयों के मुद्दे क्या अदृश्य हैं जो व्यवस्था को नज़र नहीं आते?

क्रांति खोड़े (Kranti Khode) आज हमारे देश के साथ-साथ कई अन्य देश भी कोरोना वायरस कोविड 19 वैष्विक महामारी से जुझ रहे हैं. इस महामारी की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई. 31 दिसंबर को वुहान में प्रथम कोरोना वायरस पॉजिटिव मामला दर्ज हुआ. WHO ने इस बिमारी को महामारी घोषित किया. चीन के बाद इस महामारी ने इटली, […]

पाताल लोक, और स्वर्ग लोक में पसरी सड़ाँध (समीक्षा)

इस्तिखार अली (Istikhar Ali) हाल ही में, अमेज़न प्राइम पर पाताल लोक, एक वेब सिरीज़ रिलीज हुआ जो तुरंत चर्चा में आ गया. इसकी तुलना दर्शक ‘सेक्रेड गेम्स’ से भी कर रहे है। पाताल लोक दर्शकों पर अलग छाप छोड़ रहा है। मुख्यतः इसने हिन्दी भाषा बोलने-समझने वाले समाज में बहुत से लोगों का ध्यान अपनी और खींचा है. जिस […]

क्या दुख ही बुद्ध की शिक्षाओं का केन्द्रीय विषय है? – बुद्ध धम्म दृष्टि- भाग 1

sanjay Shraman Jothe

बुद्ध धम्म दृष्टि – भाग 1 (संजय श्रमण की कलम से) संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) चार अरिय सत्य उन चार तीलियों की तरह हैं जो धम्मचक्र को उसकी धुरी से जोड़कर गतिमान रखती हैं। धम्मचक्र की धुरी ‘अनित्यता’ के दर्शन मे है, यही अनित्यता की दृष्टि जब भौतिक जगत से मनोजगत में प्रवेश कर जाती है तब ‘अनत्ता’ का […]

इर्रफान ने आपके ढोंग की पुंगी बजा दी है

manish chand

मनीष कुमार चांद (Manish Kumar Chand) आजकल अशरफ समाज के पढ़े-लिखे लड़के धार्मिक सुचिता और कट्टरता की बात क्यों करते हैं? दरअसल, वे चाहते हैं कि समाज में अलगाव पैदा हो, जिससे गरीब और हैसियत विहीन लोग समाजिक अलगाव और अत्याचार के शिकार हों. इससे इनको दो फायदे है – पहला- अजलाफ, यानि छोटी जाति और अरजाल, यानि जाति व्यवस्था […]

घेटोअ गॉस्पेल (Ghetto Gospel)

Rahul Sonpimple

राहुल सोनपिंपले (Rahul Sonpimple)   पुल की दायीं तरफ नयी रंगीन बीस मंजिला ईमारत बनी थी रात को आसमान के तारे ईमारत पे उतर आते थे बिल्डर ने पारधियों की झोंपड़ियाँ हटाके, सिर्फ ज़मीन ही थोड़ी ना खरीदी थी! हमारे बस्ती के किनारे लगे रिंग रोड पे चढ़के देखना सरकार ने बिल्डर को पूरा आसमां बेच दिया था श्याम होते […]

कोविड19 के बहाने राज्यों पर दबदबा बनाता केंद्र- साजिशों की आहट

Islam Hussain

इस्लाम हुसैन (Islam Hussain) कोविड-19 को एक ओर विश्व के नए संगठक के रूप में देखा जा रहा लेकिन भारत की सरकार इसे अपने एजेन्डे का लागू करने के अवसर की तरह देख रही है. यह प्रश्न अब बहुत पीछे छूट गया है कि सरकार ने समय रहते इस महामारी से लड़ने की तैयारी क्यों नहीं की, और वह तैयारी […]

पंजाब के महात्मा फुले व् सिख धर्म के तारणहार- ज्ञानी दित्त सिंह

Jaspal Singh Siddhu Khushhal Singh

जसपाल सिंह सिद्धू/ खुशहाल सिंह (Jaspal Singh Siddhu/ Khushhal Singh) आज हम ज्ञानी दित सिंह को उनकी जयंती पर नमन करते हैं। उन्होंने 19 वीं शताब्दी में ब्राह्मणवादी हमले के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसने सिख-धर्म को हिंदू धर्म के संप्रदाय में बदलने का प्रयास किया. अमृतसर के दरबार साहिब में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना के साथ, ब्राह्मणवाद ने […]

कोरोनाकाल चिन्तन: मीडिया सरकार पर मेहरबान या सरकार मीडिया पर

Islam Hussain

इस्लाम हुसैन (Islam Hussain) एक कविता है- राजा बोला रात है रानी बोली रात है मंत्री बोला रात है संतरी बोला रात है सब बोले रात है यह सुबह सुबह की बात है… गोरख पाण्डे की इस मशहूर कविता में अगर राजा के बाद रानी, मंत्री और संतरी आदि को ए, बी, सी, डी मीडिया मान लिया जाऐ तो यह […]