कांग्रेस में समान प्रतिनिधित्व की अभिलाषा में पिछड़ा वर्ग

Devi Prasad HCU

देवी प्रसाद (Devi Prasad) मुझे अभी भी याद है बचपन का वो दिन जब ग्रामीण दलित-बहुजन महिलाएं स्थानीय भाषाओं में लोकगीत गाते हुए वोट डालने जाती थी, और गाने का मुखड़ा होता था- “चला सखी वोट दय आयी, मुहर ‘पंजा’ पर लगाई.” दलित-बहुजन समाज पर अनेक लेख पढ़ने-लिखने के पश्चात मेरा ध्यान उन गाती हुयी ‘मतदाताओं’ और उस समाज के […]

रावण के बहाने से कोइतूर व्यवस्था में ब्राह्मणवाद की घुसपैठ

Surya Bali

डॉ सूर्या बाली (Dr. Surya Bali) आजकल एक बात देखने में आ रही है कि लोग रावण को कुछ ज्यादा ही महत्व दे रहे हैं और रावण को लेकर कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हो रहे हैं. और तरह-तरह की कहानियां, किस्से, धार्मिक विश्लेषण, मूर्ति और मंदिर इत्यादि के द्वारा रावण को पुनः प्रतिस्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा […]

फर्जी एकता की अशराफिया डुगडुगी बनाम पसमांदा सवाल

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) पिछले साल बुलंदशहर में इस्लामी धार्मिक महासम्मेलन के लिए करोड़ों मुसलमान एकत्रित हो गए. इससे एक बात तो साबित होती है कि मुस्लिम समाज पर आज भी उलेमाओं की पकड़ मज़बूत है, जिनकी तक़रीर को सुनने के लिए 1 करोड़ लोग भी आ सकते हैं पर अब दूसरा और ज़रूरी सवाल यह किया जाए कि इस […]

संत भिंडरांवाले के साथ सबसे बड़ी गद्दारी ‘जरनल केटेगरी’ के लोगों ने की- साहेब कांशी राम

Pammi

पम्मी लालोमज़ारा (Pammi Lalomazara) बंगा- नवांशहर (पम्मी लालोमज़ारा) ‘संत जरनैल सिंह भिंडरांवाले के साथ सबसे बड़ी गद्दारी ‘जरनल केटेगरी’ के लोगों ने की. मेरे समाज के लोगों को तो पता ही नहीं कि गद्दारी होती क्या है और कैसे करते हैं.’ उपरोक्त शब्द साहेब कांशी राम ने कहे थे. ये खुलासा एक ऐसे शख्स (नाम गुप्त) ने क्या था जो जो […]

बहुजन, कश्मीरी-मुस्लिम और स्वायत्तता का सवाल

Dhamma

धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) अगर कुछ अनजान लोग उनके चार-पांच लठेतों के साथ आपके घर में आकर रहने लगें और आपके जीने के सारे नियम-कायदे-कानून, रोज़ की दिनचर्या, आपकी पहचान तक को बदल दें, आपकी संपत्ति पर उनका हक़ जमाएं, आपको आपके ही घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दें या आपके आने-जाने का एक समय निर्धारित […]

‘खालसा ऐड’ के संस्थापक के जीवन में आये कोहनी-मोड़ की कहानी

ravi singh khalsa

रवि सिंह खालसा (Ravi Singh Khalsa) दोस्तों, क्षमाप्रार्थी हूँ… आज कोई जज्बाती कहानी नहीं बल्कि जज्बातों के समुन्दर से एक ऐसा कतरा  साँझा करने जा रहा हूँ जिसने ऐशप्रस्ती का जीवन जी रही मेरी मानसिकता को ऐसा झकझोरा कि आज वही मानसिकता सरबत (समस्त मानवता) के भले की गठरी उठाये बिपदा के मारे हर इंसान के आँगन में रब का […]

शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज के निधन पर ग़मगीन दलितों के लिए

Dhamma

 धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) “मुख्यधारा” की राजनीति की दो चर्चित महिला राजनेता शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज की क्रमशः 20 जुलाई 2019 और 6 अगस्त 2019 को मृत्यु हो गई। “मुख्यधारा” की इस घोर ब्राह्मणवादी और पितृसत्तावादी राजनीति में इन दोनों महिलाओं ने अपनी-अपनी सिर्फ कोरी मौजूदगी ही दर्ज नहीं कराई, बल्कि ख़ुद की प्रासंगिकता भी बनाए रखी, […]

संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश-1950 निरस्त करने के लिए पीएम मोदी के नाम खुला ख़त

यूसुफ़ अंसारी (Yusuf Ansari) मोदी जी, पंडित नेहरू की एक और ग़लती सुधारिए, मुसलमान और ईसाई दलितों को इंसाफ़ दिलाइए आदरणीय प्रधानमंत्री जी आदाब अर्ज़ है, सबसे पहले तो आपको बधाई दे दूं कि आपने जम्मू कश्मीर को लेकर बहुत बड़ा और कड़ा फैसला किया। ऐसा करने की हिम्मत दिखाने के लिए आपको दिल की गहराइयों से बधाई। दूसरे ट्रिपल […]

गुरु पूर्णिमा और गौतम बुद्ध का मध्यमार्ग

Sanjay Shraman Jothe 3 7 19

संजय जोठे (Sanjay Jothe) गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाते हुए आप ख़ुशी मनाइए लेकिन एक सावधानी जरुर रखियेगा। गुरु पूर्णिमा मनाते समय यह देखना जरुरी है कि आप किस ढंग से और किस गुरु को अपना मार्गदर्शक समझ रहे हैं? इतिहास और धर्म-दर्शन की खोजों ने यह सिद्ध कर दिया है कि गुरु पूर्णिमा असल में गौतम बुद्ध के विषय […]

‘आर्टिकल 15’ : ‘समरसता’ के सहारे जाति के जाल में जोर-आजमाइश

arvind shesh

अरविंद शेष (Arvind Shesh) पिछले कुछ समय से लगातार यह मांग उठ रही थी कि अगर कोई सवर्ण पृष्ठभूमि का व्यक्ति जाति से अभिन्न समाज में बदलाव लाने की इच्छा रखता है तो उसे सबसे पहले ‘अपने समाज’ यानी अपने जाति-वर्ग को संबोधित करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि जाति का समूचा ढांचा न केवल उच्च कही जाने वाली […]