संजय जोठे (Sanjay Jothe) आर्टिकल 15 एक अच्छी फिल्म है, सभी मित्रों को जरुर देखनी चाहिए. इसमें कई खूबियाँ और कई कमियाँ है. यहाँ जब मैं इसे अच्छी फिल्म कह रहा हूँ तो इसका यही अर्थ है कि यह बहुत सारी दिशाओं में विचार करने को विवश करती है. कोई भी फिल्म या रचना एक आयाम में ही अपने निर्णयों […]
जनता के शरद: क्या खोया क्या पाया जग में
जन्मदिन पर विशेष जयंत जिज्ञासु (Jayant Jigyasu) छात्र-शिक्षक-शिक्षा-शोध-समाज-नुमाइंदगी-राष्ट्रनिर्माण-मानवता आदि के सरोकारों को संसद में 43 साल तक अनवरत उठाने वाले व तीन मुख़्तलिफ़ सूबों से चुनकर लोकसभा पहुंचने वाले देश के चौथे मात्र सांसद व यशस्वी सियासतदां शरद यादव का कल 73वां जन्मदिन था. शरद यादव को इतिहास में विशिष्ट जगह इसलिए भी मिलेगी कि जब लोकसभा का […]
जिसका मुद्दा उसकी लड़ाई, जिसकी लड़ाई उसकी अगुवाई
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) जामिया से मैंने समाजशास्त्र में अपना स्नातक किया है. यहाँ कई विचारकों को पढ़ने का मौका मिला पर इन विचारकों में बाबा साहब अम्बेडकर हमारे सिलेबस (syllabus) में शामिल नहीं थे. उस वक़्त मुझे ये बात समझ में नहीं आई कि ऐसा क्यों है कि बाबा साहब आंबेडकर जैसे विचारक को, जिन्होंने जातिय व्यवस्था पर इतना […]
एक बहुजन की घरवापसी आर.एस.एस के खेमे से (एक लघु आत्मकथा)
शैलेश नरवाडे (Shailesh Narwade) ये कहानी मैं क्यों लिख रहा हूँ? मुझे अपनी कहानी बताने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई. मैं कोई जानामाना व्यक्ति नहीं हूँ जिसकी कहानी पढ़ने में किसी को दिलचस्पी हो. मैं एक साधारण व्यक्ति हूँ जो पत्रकारिता छोड़कर भी पत्रकार के जिम्मेदारी को समझता है और एक कलाकार के सामाजिक दायित्व को जानता है. मैं […]
टीवी वाले एग्जिट पोल की ऐसी की तैसी – एक्जिट पोल- 1 (पश्चिम बंगाल)
मनीष कुमार चांद (Manish Kumar Chand) कुछ लोग सोचते हैं कि पश्चिम बंगाल त्रिपुरा हो जायेगा । उन्हें इन तथ्यों का ध्यान रखना चाहिए । पश्चिम बंगाल में कट्टर हिंदुत्व के चेहरों को बीजेपी ने प्रचार की लिए उतारा था। उसमे यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी , खुद अमित शाह, नरेंद्र मोदी और स्मृति ईरानी। पहले अमित शाह को लेते […]
तेजस्वी के तेवरः जिसकी जरूरत समूचे विपक्ष को है
अरविंद शेष (Arvind Shesh) सन 2015 में जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि ‘आरक्षण की समीक्षा का वक्त आ गया है’, तब राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद ने इसके जवाब में चुनौती पेश किया था कि ‘किसी ने मां का दूध पिया है तो आरक्षण को खत्म करके दिखाए’! इसके बाद उसी […]
स्त्री ज़िन्दगी के पहलुओं की ‘तस्वीरें’- फिल्म समीक्षा
कमलेश (Kamlesh) तसवीरें युवा निर्देशक पावेल सिंह की पहली फिल्म है जो कि यूट्यूब पर हालही में रिलीज़ हुई है. निर्देशन के साथ ही पावेल ने फिल्म की पटकथा भी लिखी है. फिल्म की अवधि लगभग 47 मिनट की है. शुरुआती दौर में ही फिल्म इन्टरनेट दर्शकों का ध्यान खींच रही है. आईये बात करते हैं फिल्म के ज़रिये पटल […]
जातीय अहंकार पितृसत्ता पर भारी: निशांत के बचाव में आई शुभ्रष्ठा
सुरेश जोगेश (Suresh Jogesh) “आजतक” के संपादक निशांत चतुर्वेदी की राजद नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर की गयी टिप्पणी ने तूल पकड़ लिया. इसके लिए निशांत की जबरदस्त खिंचाई भी हुई, लेकिन दूसरी तरफ उनके जैसी सोच रखने वालों की तरफ से भरपूर सपोर्ट भी मिला, जिनमें से एक थी बीजेपी प्रवक्ता “शुभ्रष्ठा”. ऐसा नहीं है […]
मोंटी ने अपने मुहल्ले में ऐसी क्रांति कर दी है कि…
वृत्तान्त मानवतकर (Vruttant Manwatkar) क्योंकि मोंटी उर्फ़ अप्पा एक असली क्रांतिकारी हीरो है. मोंटी ने अपने मुहल्ले में ऐसी क्रांति कर दी है कि आजकल वो मुहल्ले के सारे नौजवानों और बुज़ुर्गों की चर्चाओं का मुख्य किरदार हैं. उसने ऐसी क्रांति की हैं जिसे बड़े-बड़े भाषणबाज़ ज़िक्र करने से भी कतराते हैं. इतना ही नहीं, कुछ लोग मोंटी को समाज […]
उत्तर भारत में सामाजिक इन्कलाब की आहट
सुचित कुमार यादव (Suchit Kumar Yadav) देश में आम चुनाव-2019 की बिगुल बज चुका है. तीन चरणों के चुनाव हो चुके है. इस चुनाव में कई ऐतिहासिक घटनाक्रम देखने को मील रहें हैं. चुनाव आयोग की विश्वसनीयता साख पर है, मामला सर्वोच्च न्ययालय तक पहुच चुका है. भारती जनता पार्टी ने माले गाँव के आतंकी घटना में तथाकथित रूप से […]