फर्जी एकता की अशराफिया डुगडुगी बनाम पसमांदा सवाल

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) पिछले साल बुलंदशहर में इस्लामी धार्मिक महासम्मेलन के लिए करोड़ों मुसलमान एकत्रित हो गए. इससे एक बात तो साबित होती है कि मुस्लिम समाज पर आज भी उलेमाओं की पकड़ मज़बूत है, जिनकी तक़रीर को सुनने के लिए 1 करोड़ लोग भी आ सकते हैं पर अब दूसरा और ज़रूरी सवाल यह किया जाए कि इस […]