गाय, ‘पिछड़ापन’ और ‘बहुजन’ महिलाएं

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आशा सिंह (Asha Singh) बिहार के भोजपुर जिले में पड़ने वाले मेरे अहीर जाति–बहुल गाँव में सातवीं तक स्कूल है. इसके बाद जो पढ़ना-लिखना चाहते हैं उनका नाम दूसरे गाँवों या आरा टाउन के स्कूल में लिखवा दिया जाता है. लड़के तो स्कूल जाते हैं लेकिन लड़कियां साल में केवल दो बार, एक बार नाम लिखवाने के लिए और दूसरी बार परीक्षा देने […]

जाति विनाश कैसे हो?

Sanjay Jothe

  संजय जोठे जाति विनाश अगर सवर्णों से अपेक्षित है तो ये व्यर्थ का प्रोजेक्ट है. लेकिन जाति विनाश दलितों पिछड़ों से अपेक्षित है तो इस प्रोजेक्ट से बहुत उम्मीद की जा सकती है. जाति विनाश कैसे होगा इसकी विस्तार से चर्चा करने से पहले दो वक्तव्य याद रखिये. महान आयरिश लेखक, विचारक और नाटककार जार्ज बर्नार्ड शॉ से एक बार […]