रावेन और रावण के भ्रम में उलझता कोइतूर समाज

Surya Bali

डॉ सूर्या बाली ‘सूरज धुर्वे’ (Dr. Surya Bali ‘Suraj Dhurve) किसी भी संस्कृति में उसके नायकों और प्रतीकों का सम्मान व् स्वागत उस संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए आवश्यक होता है. इन्ही नायकों को जीवित रखने के लिए तरह तरह के आयोजन, पर्व और तीज त्योहारों का आयोजन किया जाता है. ऐसे ही एक पौराणिक कथानक रामायण […]