डॉ. मनीषा बांगर (Dr. Manisha Bangar) पाकिस्तान ने इंडियन एयर फोर्स के कमांडर अभिनंदन को रिहा कर न केवल जेनेवा समझौते का सम्मान किया बल्कि जिस संवेदनशीलता के साथ उसने भारत को जवाब दिया है, वह बदल रहे पाकिस्तान का प्रमाण है। निश्चित तौर पर इसका श्रेय वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान को जाता है जिन्होंने बिना आवेश में आए […]
दलित और राष्ट्रवाद/राष्ट्रीयता का सवाल (पाकिस्तान की मिटटी से)
लेखक: गणपत राय भील (Ganpat Rai Bheel) अनुवादक: फ़ैयाज़ अहमद फ़ैज़ी (Faiyaz Ahmad Fyzie) यह एक ऐसा सवाल है जो हर उस अन्तःमन में पलता है जो इस व्यवस्था और इसके सत्ताधारी साथियों के अत्याचार का शिकार है। हम इस विषय पर दलितों का नज़रिया रखने की कोशिश करेंगे। दलित पाकिस्तान में आबाद एक महत्वपूर्ण सामाजिक समूह है। दलित […]
समाज का जनाज़ा : एक दलित के शव की यात्रा
गणपत राय भील (Ganpat Rai Bheel) बदीन ज़िले में एक भील जाति के नौजवान की लाश को उसके क़ब्र से खोद कर बाहर निकाल कर फेंक दिया गया. यह अमानवीय कृत्य उच्चवतम पवित्रता के धार्मिक जोश में साहिबे ईमान(इस्लाम के सच्चे मानने वाले) वालों ने किया. दैनिक सिंध एक्सप्रेस में इसकी फ़ोटो और रिपोर्ट कुछ विस्तार के साथ छपी. […]
स्त्री यौनिकता, नियंत्रण एवं भविष्य के खतरे
संजय जोठे (Sanjay Jothe) स्त्री यौनिकता पर सत्र था, मौक़ा था यूरोप, एशिया और अफ्रीका में परिवार व्यवस्था में आ रहे बदलाव पर एक कार्यशाला. यूरोप, खासकर सेन्ट्रल यूरोप में परिवार में बढ़ते आज़ादी के सेन्स और महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के बीच एक सीधा संबंध है – डेवेलपमेंट स्टडीज़, मनोविज्ञान और सोशियोलोजी ने यह स्थापित कर दिया है. […]