मनीषा मशाल दलित महिलाओं की आवाज को किसी भी कीमत पर उठाने के लिए कटिबद्ध हूँ. क्योंकि यदि हम इन स्वरों को बाहर नहीं आने देंगे, तो हम इस दुःख को समाप्त करने के उपाय नहीं खोज सकते. क्या यह बहुत कठिन होगा? हाँ. मुझें अनेकों चुनौतियों, जोखिमों और धमकियों का सामना भी करना होगा. परन्तु मुझे किसी का भी […]
मायावती और हत्शेपसुत: दो स्त्रियाँ, दो समय और दो धुरियाँ
एक हैंडबैग। एक नकली दाढ़ी । मायावती और हत्शेपसुत की मूर्तियों का हिस्सा बनने से ये दो मामूली सी लगने वाली चीज़े भी डरावने प्रतीकों में बदल जाती हैं। इन दो महिलाओं की मूर्तियों पर समाज में अभूतपूर्व मात्रा में क्रोध ज़ाहिर किया जा चुका है। क्या यह गुस्सा इन मूर्तियों की वजह से है , इन मूर्तियों में दर्शाया […]